चेन्नई, 7 अप्रैल
तमिलनाडु में हाथी शिकार मामले में आरोपी युवक की संदिग्ध मौत की सीबीआई जांच की मांग को लेकर प्रभावशाली वन्नियार समुदाय की राजनीतिक शाखा पीएमके ने विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है।
सोमवार को जारी एक बयान में पीएमके संस्थापक डॉ. एस. रामदास ने धर्मपुरी जिले के एक युवक सेंथिल कुमार की मौत के बारे में गंभीर चिंता जताई, जिसे कथित तौर पर वन विभाग की हिरासत में प्रताड़ित किया गया और मार दिया गया।
डॉ. रामदास ने कहा कि सेंथिल, उसके पिता गोविंदराज और भाई शक्ति को 17 मार्च को वन अधिकारियों ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। हालांकि, परिवार को कई दिनों तक उनके ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। पुलिस में शिकायत के बाद शक्ति को परिवार को लौटा दिया गया, जबकि गोविंदराज को हाथी के शिकार के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया गया।
वन विभाग के अनुसार, सेंथिल कथित तौर पर घटनास्थल पर फील्ड विजिट के दौरान हथकड़ी में भाग गया था। हालांकि, उसका क्षत-विक्षत शव 15 दिन बाद एरियूर रिजर्व फॉरेस्ट में मिला। विभाग ने दावा किया कि हिरासत से भागने के बाद उसने खुदकुशी कर ली, लेकिन डॉ. रामदास और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को संदेह है कि इसमें कुछ गड़बड़ है।
डॉ. रामदास ने सवाल किया, "वन विभाग ने तीन दिनों तक परिवार से जानकारी क्यों छिपाई? कोंगारापट्टी जंगल में, जहां शव मिला था, 18 मार्च से 4 अप्रैल के बीच प्रवेश क्यों प्रतिबंधित किया गया था?"