नई दिल्ली, 29 अप्रैल
मंगलवार को लैंसेट ईबायोमेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, खाद्य कंटेनरों या चिकित्सा उपकरणों जैसे प्लास्टिक की वस्तुओं में इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ रसायनों के दैनिक संपर्क से दुनिया भर में हृदय रोग से होने वाली मौतों में वृद्धि हो सकती है।
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी लैंगोन हेल्थ के शोधकर्ताओं ने कहा कि थैलेट्स नामक रसायन का दुनिया भर में व्यापक उपयोग हो रहा है।
सौंदर्य प्रसाधनों, डिटर्जेंट, सॉल्वैंट्स, प्लास्टिक पाइप और बग रिपेलेंट्स में पाए जाने वाले थैलेट्स को दशकों से मोटापे और मधुमेह से लेकर प्रजनन संबंधी समस्याओं और कैंसर जैसी स्थितियों के बढ़ते जोखिम से जोड़ा जाता रहा है।
नए अध्ययन में डाइ-2-एथिलहेक्सिल थैलेट (डीईएचपी) नामक एक प्रकार के थैलेट पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसका उपयोग खाद्य कंटेनरों, चिकित्सा उपकरणों और अन्य प्लास्टिक को नरम और अधिक लचीला बनाने के लिए किया जाता है।
पिछले अध्ययनों ने उनके संपर्क को हृदय की धमनियों में अति सक्रिय प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया (सूजन) से जोड़ा है, जो संभावित रूप से दिल का दौरा या स्ट्रोक का कारण बन सकता है।
हालाँकि, नए विश्लेषण में अनुमान लगाया गया है कि 2018 में 55 से 64 वर्ष की आयु के पुरुषों और महिलाओं में डीईएचपी के संपर्क में आने से 356,238 मौतें हुईं, जो हृदय रोग से होने वाली वैश्विक मृत्यु दर का 13 प्रतिशत से अधिक है।