सिडनी, 30 अप्रैल
नए शोध के अनुसार, पहली खुराक के समान ही हाथ में वैक्सीन बूस्टर प्राप्त करने से प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया तेज़ और मजबूत होती है और शरीर को तेज़ी से सुरक्षा बनाने में मदद मिलती है।
समाचार एजेंसी ने बताया कि निष्कर्ष वैक्सीन रणनीतियों को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं और अंततः ऐसे टीकों की ओर ले जा सकते हैं जिन्हें कम बूस्टर की आवश्यकता होती है।
ऑस्ट्रेलिया में यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यू साउथ वेल्स (UNSW) सिडनी में गारवन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल रिसर्च और किर्बी इंस्टीट्यूट द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया कि जब दोनों खुराक एक ही हाथ में दी जाती हैं तो प्रतिरक्षा प्रणाली अधिक तेज़ी से प्रतिक्रिया करती है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि आस-पास के लिम्फ नोड्स में प्रतिरक्षा कोशिकाएं, जो शरीर के संक्रमण से लड़ने वाले केंद्र हैं, पहले शॉट के बाद "प्राइमेड" हो जाती हैं। जब बूस्टर उसी स्थान पर पहुंचता है, तो ये कोशिकाएं सक्रिय हो जाती हैं और मजबूत एंटीबॉडी बनाने में मदद करती हैं, टीम ने जर्नल सेल में प्रकाशित पेपर में बताया।
शोधकर्ताओं ने सबसे पहले चूहों में इस प्रभाव की खोज की, फिर 30 लोगों पर किए गए एक नैदानिक अध्ययन में इसकी पुष्टि की, जिन्हें फाइजर कोविड-19 वैक्सीन दी गई थी। जिन लोगों ने एक ही हाथ में दोनों खुराकें लीं, उनमें तेज़ी से और अधिक प्रभावी सुरक्षा विकसित हुई, खासकर डेल्टा और ओमिक्रॉन जैसे कोविड-19 वेरिएंट के खिलाफ।