हैदराबाद, 18 सितंबर
कालेश्वरम परियोजना के तीन बैराजों के निर्माण में कथित अनियमितताओं की जांच कर रहा कालेश्वरम आयोग अपनी अगली सुनवाई गुरुवार से हैदराबाद में करेगा।
सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष, जो कालेश्वरम आयोग का नेतृत्व कर रहे हैं, बुधवार शाम को हैदराबाद पहुंचने वाले हैं।
वह राज्य में पूर्व भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार द्वारा मेदिगड्डा, अन्नाराम और सुंडीला बैराज के निर्माण में कथित अनियमितताओं से संबंधित मामलों की सुनवाई करेंगे।
पैनल गवाहों के बयान और उनकी जिरह दर्ज करना जारी रखेगा।
तेलंगाना में सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार द्वारा गठित पैनल ने गोदावरी नदी पर कलेश्वरम लिफ्ट सिंचाई योजना के निर्माण में कथित अनियमितताओं की जांच अप्रैल में शुरू की थी।
आयोग पिछले साल 22 अक्टूबर को मेदिगड्डा बैराज को हुए नुकसान पर राज्य सिंचाई विभाग के अधिकारियों और इंजीनियरों के बयान दर्ज कर रहा है।
यह दो अन्य बैराजों - अन्नाराम और सुंडीला में तकनीकी समस्याओं पर भी गौर कर रहा है।
न्यायमूर्ति घोष मौके पर आकलन के लिए पहले ही तीन बैराजों का दौरा कर चुके हैं।
राज्य की कांग्रेस सरकार ने इस साल मार्च में मेदिगड्डा बैराज के घाटों के डूबने और सुंडीला और अन्नाराम बैराज में रिसाव की न्यायिक जांच का आदेश दिया था।
इसने पैनल से परियोजना के वित्तीय पहलू और बीआरएस सरकार द्वारा निर्मित सिंचाई परियोजना में डिजाइन, योजना और निष्पादन जैसी तकनीकी खामियों, यदि कोई हो, पर भी गौर करने को कहा है।
कांग्रेस पार्टी ने सिंचाई परियोजना के निर्माण में बड़े पैमाने पर अनियमितता का आरोप लगाया है.