श्री फतेहगढ़ साहिब/28 नवंबर:
(रविंदर सिंह ढींडसा)
देश भगत यूनिवर्सिटी की फैकल्टी ऑफ़ फार्मेसी की ओर से दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस ‘इनोवेशन नेक्सस: फार्मास्यूटिकल साइंसेज में वैश्विक प्रगति के लिए शिक्षा और उद्योग को जोडऩा’ का आयोजन किया गया, जिसका विषय था ‘पेशेवर दृष्टिकोण के साथ शिक्षा को सशक्त बनाना।’ इस कार्यक्रम में अग्रणी शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और उद्योग विशेषज्ञों ने शिक्षा को उद्योग की मांगों के साथ संरेखित करने की रणनीतियों पर चर्चा की। उद्घाटन सत्र में पंजाब पुलिस के पूर्व एडीजीपी श्री अनन्या गौतम ने विकास के लिए अनुसंधान और सहयोग के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस आयोजन के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा देने के लिए वाईस-चांसलर प्रो. (डॉ.) अभिजीत एच. जोशी के नेतृत्व में डीबीयू के प्रयासों की सराहना की।
इस अवसर पर डॉ. वीरेंद्र सिंह (चांसलर के सलाहकार) और डॉ. कुलभूषण (निदेशक, देश भगत आयुर्वेदिक कॉलेज), डॉ. सुरजीत पथेजा, निदेशक मीडिया सहित प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।मुख्य वक्ताओं ने फार्मेसी में एआई, दवा वितरण में नैनो टेक्नोलॉजी की भूमिका और अकादमिक और औद्योगिक अंतराल को खतम करने में अनुवादात्मक अनुसंधान के महत्व सहित विविध विषयों पर बात की।हाईलाईटस में डा सुरेश (पंजाबी यूनिवर्सिटी) ने अकादमिक शिक्षा और उद्योग के विचकार बढ रहे अंतर बारे बात की।
डा. राहुल देशमुक्ख (सैंटरल यूनीवर्सिटी आफ़ पंजाब) ने ग्रैजूएट रोजग़ार योगयता को बढाने केलिए असल-संसार ऐकसपोजर, हाथ सिखलाई, और समस्या हल्ल करने के महत्तव को उजागर किया।डॉ. ज्योति धनकड़ (एम.आई.टी., यू.एस.ए.)ने प्रयोगशाला खोज के असल-संसार हल्ल में तबदीली को तेज करने के लिए हुनर बढ़ाने और तकनालॉजी के तबादले की वकालत की।प्रो. सुभीत कुमार जैन (जी.ऐन.डी.यू., अंमृतसर) ने सेहत संभाल में किफायती और पहुंच योग्यता को संबोधित करने में अनुवाद खोज की भूमिका पर ज़ोर दिया।
डा. सैयद महमूद (मलाया यूनिवर्सिटी) ने खोज को असल-संसार की एप्लीकेशन के साथ जोड़ने के लिए अकादमिक-उद्योग सहयोग को उत्साहित करने पर ज़ोर दिया।सम्मेलन में तकनीकी सत्र, पोस्टर प्रस्तुतियाँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुए, जिसका समापन पुरस्कार वितरण समारोह के साथ हुआ।
डीबीयू के चांसलर डॉ. ज़ोरा सिंह, प्रो-चांसलर डॉ. तेजिंदर कौर और देश भगत यूनिवर्सिटी के वाइस प्रेसिडेंट डॉ. हर्ष सदावर्ती ने सफल आयोजन के लिए फैकल्टी ऑफ़ फार्मेसी को बधाई दी।रजिस्ट्रार श्री सुरिंदर पाल कपूर ने अपने समापन भाषण में नवाचार और वैश्विक भागीदारी के महत्व पर प्रकाश डाला, जिससे भविष्य की पहलों के लिए प्रेरणादायी माहौल तैयार हुआ।समागम के अंत में फार्मेसी स्कूल की प्राचार्या डॉ. पूजा गुलाटी ने धन्यवाद ज्ञापन किया तथा सम्मेलन को सफल बनाने में प्रतिभागियों और आयोजकों के प्रयासों की सराहना की।