गुरुग्राम, 17 जनवरी
गुरुग्राम पुलिस ने 'जनधन योजना' के नाम पर फर्जी बैंक खाते खोलने और उन्हें साइबर ठगों को उपलब्ध कराने के आरोप में दो अपराधियों को गिरफ्तार किया है।
संदिग्धों की पहचान गुरुग्राम के किरंकी गांव निवासी शॉन और नूंह के पुन्हाना निवासी अजहरुद्दीन उर्फ अजरू के रूप में हुई है। पुलिस ने उनके पास से पांच बैंक पासबुक, फर्जी रेंट एग्रीमेंट और बिजली बिल भी बरामद किए हैं।
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि उसकी मुलाकात दो लोगों से हुई थी, जिन्होंने उसे बताया कि उन्होंने 'जनधन योजना' के तहत बैंक खाते खोले हैं, जिसमें सरकार की ओर से हर महीने 7,000 रुपये दिए जाते हैं। आरोपियों ने पीड़ित का बैंक खाता खोल दिया।
बैंक खाता खोलने के बाद उसने पीड़ित के एटीएम कार्ड और बैंक खाते में पंजीकृत मोबाइल नंबर ले लिए और कहा कि सरकारी कार्यालय में जाकर 'जनधन योजना' के तहत पंजीकरण कराने के बाद उन्हें उनके एटीएम कार्ड और मोबाइल नंबर वापस मिल जाएंगे।
साइबर क्राइम के एसीपी प्रियांशु दीवान ने बताया कि जब बैंक ने कई दिनों तक पीड़ित का एटीएम कार्ड और मोबाइल नंबर नहीं लौटाया तो उसने बैंक जाकर पूछताछ की तो पता चला कि उसके बैंक खाते से काफी पैसे का लेनदेन हुआ है। पीड़ित की शिकायत के आधार पर साइबर थाना (पश्चिम), गुरुग्राम में आईटी एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच के दौरान उक्त थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर संदीप के नेतृत्व में पुलिस टीम ने बुधवार को सेक्टर-10 से आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में पता चला कि दोनों आरोपी लोगों को यह कहकर जनधन योजना के तहत बैंक खाते खुलवाते थे कि सरकार इन खातों में पैसे जमा कराएगी। उन्होंने बताया कि बैंक खाता खुलवाने के लिए आरोपी फर्जी एग्रीमेंट और बिजली बिल तैयार करवाते थे। बैंक खाता खुलवाने के बाद वे सरकारी कार्यालय में बैंक खाता पंजीकृत करवाने के नाम पर खाताधारक से बैंक एटीएम कार्ड और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर ले लेते थे। इसके बाद वे उन बैंक खातों को 10 हजार रुपये में दूसरे आरोपी को बेच देते थे। पुलिस ने बताया कि आरोपी साहून को एक दिन की पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ और बरामदगी के लिए कोर्ट से रिमांड पर लिया गया है।