गुरुग्राम, 21 फरवरी
एक अधिकारी ने बताया कि गुरुग्राम पुलिस की साइबर सेल की एक टीम ने साइबर अपराधियों को बैंक खाते मुहैया कराने के आरोप में बैंक अधिकारी समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
सहायक पुलिस आयुक्त (साइबर अपराध) प्रियांशु दीवान ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान दिल्ली निवासी अविनाश शर्मा और आदित्य चतुर्वेदी के रूप में हुई है।
पुलिस के अनुसार, एक व्यक्ति ने नवंबर 2024 में साइबर अपराध पुलिस स्टेशन ईस्ट में शिकायत दर्ज कराई थी कि शेयर बाजार में निवेश के नाम पर उससे 4.97 करोड़ रुपये ठगे गए। जांच के दौरान पुलिस ने बुधवार को अपराध में कथित संलिप्तता के लिए दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से संदिग्धों को गिरफ्तार किया।
पूछताछ के दौरान आरोपी ने खुलासा किया कि आदित्य चतुर्वेदी वर्ष 2023 से दिल्ली के गुजरांवाला टाउन-2 स्थित इंडसइंड बैंक में बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर के पद पर कार्यरत था। गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता संदीप कुमार ने बताया, "धोखाधड़ी में इस्तेमाल किया गया बैंक खाता आदित्य चतुर्वेदी ने खोला था और धोखाधड़ी करने के लिए अविनाश को 25,000 रुपये में बेच दिया था। चतुर्वेदी ने बचत खाता खोलने के लिए 10,000 रुपये और चालू खाता खोलने के लिए 50,000 रुपये लिए थे।" गुरुग्राम के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने दावा किया कि पुलिस इन धोखाधड़ी से निपटने के लिए अन्य एजेंसियों और संगठनों के साथ मिलकर काम कर रही है। साइबर क्राइम के एसीपी प्रियांशु दीवान ने बताया कि साइबर जालसाज लोगों को अच्छे मुनाफे का लालच देकर, शेयर बाजार में निवेश करने, बिजली बिल कम करने, ऑनलाइन सस्ते सामान खरीदने/बेचने के नाम पर, व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल के जरिए सेक्सटॉर्शन, मॉर्फिंग, विभिन्न माध्यमों से लिंक भेजकर, फर्जी मामले में फंसाने के नाम पर कस्टम अधिकारी/पुलिस अधिकारी बनकर, अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के नाम पर, आपराधिक मामले में फंसाने का डर दिखाकर लोगों को डिजिटल तरीके से गिरफ्तार करके धोखाधड़ी करते हैं। उन्होंने बताया कि हमने लोगों से ऐसे संदिग्ध कॉल करने वालों से दूर रहने की अपील की है और ऑनलाइन उनका पीछा करने वाले अजनबियों को व्यक्तिगत जानकारी साझा करने में सावधानी बरतने की सलाह दी है। एसीपी दीवान ने बताया कि अब तक गुरुग्राम पुलिस ने विभिन्न बैंकों के 27 बैंक अधिकारियों को गिरफ्तार किया है, जो कथित तौर पर साइबर धोखाधड़ी में शामिल थे।