नई दिल्ली, 25 मार्च
भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि टीबी मुक्त भारत जैसी स्थानीय और सामुदायिक पहल भारत में टीबी के खतरे से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
एक मीडिया लेख में, उन्होंने दुनिया के सबसे घातक संक्रमण टीबी को खत्म करने की दिशा में देश की यात्रा पर विचार किया।
उन्होंने लिखा, "स्थानीय पहल पूरे भारत में टीबी के बारे में धारणाओं को नया आकार दे रही है, जो हर राज्य में टीबी उन्मूलन प्रयासों को व्यवस्थित रूप से विस्तारित करने की हमारी राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को दर्शाती है।"
ठाकुर ने कहा कि टीबी मुक्त भारत अभियान के अलावा, सरकार ने सीबीएनएएटी और ट्रूनेट मशीनों के बढ़ते उपयोग के साथ-साथ उपचार प्रोटोकॉल को मजबूत करके नैदानिक क्षमताओं का भी विस्तार किया है।
इसके अलावा, राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के लिए हाल ही में 4,200 करोड़ रुपये का राजकोषीय आवंटन प्रयासों में और मदद करेगा।
एक और योजना है नि-क्षय पोषण योजना, जिसका उद्देश्य टीबी रोगियों को पोषण संबंधी सहायता प्रदान करना है। ठाकुर ने कहा कि इस पहल ने अब तक 90 लाख से ज़्यादा टीबी रोगियों को सहायता प्रदान की है।
टीबी भारत की सबसे बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक है, और बीमारी की सूचना एक बड़ी चिंता बनी हुई है, क्योंकि 15-20 प्रतिशत मामले अभी भी पता नहीं चल पाते हैं।
नवीनतम इंडिया टीबी रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में मामलों की सूचना बढ़कर 2.5 मिलियन हो गई है।
ठाकुर ने कहा कि "समय पर निदान और उपचार पूरा करना" एक चुनौती बनी हुई है, खासकर शहरी झुग्गियों और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए। उन्होंने उपचार की सफलता दर की सराहना की - देश भर में 86 प्रतिशत - लेकिन क्षेत्रीय असमानताओं का उल्लेख किया।