नई दिल्ली, 15 अप्रैल
सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित भारत की वार्षिक मुद्रास्फीति दर इस साल मार्च में पिछले साल के इसी महीने की तुलना में घटकर 3.34 प्रतिशत रह गई, जो अगस्त 2019 के बाद सबसे निचला स्तर है।
खाद्य मुद्रास्फीति, मार्च के दौरान धीमी होकर 2.69 प्रतिशत पर आ गई, जो नवंबर 2021 के बाद सबसे निचला स्तर है। आधिकारिक बयान के अनुसार, मार्च 2025 के महीने के दौरान हेडलाइन मुद्रास्फीति और खाद्य मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों, अंडों, दालों, मांस और मछली अनाज और दूध की मुद्रास्फीति में गिरावट के कारण है।
मार्च में सबसे कम मुद्रास्फीति वाली प्रमुख वस्तुएँ अदरक (-38.11 प्रतिशत), टमाटर (-34.96 प्रतिशत), फूलगोभी (-25.99 प्रतिशत), जीरा (-25.86 प्रतिशत) और लहसुन (-25.22 प्रतिशत) हैं।
इस महीने के लिए साल-दर-साल आवास मुद्रास्फीति दर 3.03 प्रतिशत है। फरवरी, 2025 के महीने के लिए इसी मुद्रास्फीति दर 2.91 प्रतिशत थी। आवास सूचकांक केवल शहरी क्षेत्र के लिए संकलित किया गया है।
मार्च के लिए ईंधन और प्रकाश मुद्रास्फीति दर 1.48 प्रतिशत है। जबकि महीने के लिए शिक्षा मुद्रास्फीति दर 3.98 प्रतिशत है, जैसा कि आंकड़ों से पता चलता है।
देश में खुदरा मुद्रास्फीति हाल के महीनों में गिरावट की प्रवृत्ति पर रही है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने पिछले सप्ताह कहा था कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने 2025-26 के लिए मुद्रास्फीति के अपने पूर्वानुमान को 4.2 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया है, क्योंकि "खाद्य मुद्रास्फीति का दृष्टिकोण निर्णायक रूप से सकारात्मक हो गया है"।