नई दिल्ली, 16 अप्रैल
सरकार द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 31 मार्च, 2025 को समाप्त वित्त वर्ष के दौरान भारत के जैविक खाद्य उत्पादों के निर्यात में 35 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि दर्ज की गई, जो 665.96 मिलियन डॉलर (लगभग 5,700 करोड़ रुपये) हो गई, जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा 494.80 मिलियन डॉलर था।
मात्रा के लिहाज से, अनाज, चाय, मसाले, औषधीय पौधे, तिलहन और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों सहित जैविक खाद्य वस्तुओं का निर्यात 2023-24 में 0.26 मिलियन टन से 41 प्रतिशत बढ़कर 2024-25 में 0.37 मिलियन टन (एमटी) हो गया।
सरकार ने कहा कि ऊपर की ओर रुझान भारतीय जैविक खाद्य उत्पादों की बढ़ती वैश्विक मांग को दर्शाता है। अमेरिका भारतीय जैविक निर्यात के लिए एक प्रमुख गंतव्य है, जबकि यूरोपीय संघ, कनाडा और यूके भी महत्वपूर्ण बाजार हैं।
जैविक चावल और बाजरा का निर्यात वित्त वर्ष 2024 में 86.66 मिलियन डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 161.67 मिलियन डॉलर हो गया, जैविक प्रसंस्कृत खाद्य का निर्यात 129.61 मिलियन डॉलर से बढ़कर 154.01 मिलियन डॉलर हो गया, औषधीय पौधों के उत्पाद 72.42 मिलियन डॉलर से बढ़कर 88.57 मिलियन डॉलर हो गए, जैविक चाय 34.11 मिलियन डॉलर से बढ़कर 45.13 मिलियन डॉलर हो गई, जैविक मसाले 35.93 मिलियन डॉलर से बढ़कर 45.42 मिलियन डॉलर हो गए और जैविक तिलहन 25.64 मिलियन डॉलर से बढ़कर 36.20 मिलियन डॉलर हो गए, जैसा कि आंकड़ों से पता चलता है।
भारत का लक्ष्य जैविक उत्पाद निर्यात में 1 बिलियन डॉलर को पार करना है और उसने 2030 तक 2 बिलियन डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रखा है।