मुंबई, 23 अप्रैल
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की द्वितीयक बाजार सलाहकार समिति वायदा और विकल्प खंड में हाल ही में किए गए परिवर्तनों की समीक्षा करने के लिए 7 मई को बैठक कर सकती है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, समिति इस बात पर चर्चा कर सकती है कि पिछले कुछ महीनों में शुरू किए गए प्रतिबंधों का बाजार गतिविधि पर वांछित प्रभाव पड़ा है या नहीं।
हालांकि बैठक का पूरा एजेंडा अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन रिपोर्ट में कहा गया है कि नए नियमों के कुछ लक्ष्यों ने पहले ही परिणाम दिखाना शुरू कर दिया है।
इसलिए, उनका मानना है कि सेबी द्वारा अभी वायदा और विकल्प क्षेत्र में कोई और प्रतिबंध या सख्त नियम लागू करने की संभावना नहीं है।
सेबी ने 25 फरवरी को जो प्रमुख प्रस्ताव रखे थे, उनमें से एक इक्विटी डेरिवेटिव बाजार में ओपन इंटरेस्ट (ओआई) की गणना के तरीके को बदलना था।
नियामक ने पारंपरिक काल्पनिक मूल्य-आधारित पद्धति से हटकर 'फ्यूचर इक्विवेलेंट' पद्धति अपनाने का सुझाव दिया था।
इस बदलाव का उद्देश्य स्टॉक मूल्य में हेरफेर की संभावनाओं को कम करना और कुछ स्टॉक पर अनावश्यक ट्रेडिंग प्रतिबंधों से बचना था।
सेबी ने बाजार-व्यापी स्थिति सीमा (MWPL) में भी बदलाव का प्रस्ताव दिया था, जो यह नियंत्रित करता है कि किसी विशेष स्टॉक के वायदा और विकल्प अनुबंधों में कितना व्यापार हो सकता है।