गुरुवार को सरकारी आंकड़ों के अनुसार, ग्रामीण परिवारों की औसत मासिक आय में पांच साल की अवधि में 57.6 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जो 016-17 में 8,059 रुपये से बढ़कर 2021-22 में 12,698 रुपये हो गई।
वित्त मंत्रालय के अनुसार, यह 9.5 प्रतिशत की नाममात्र चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) का संकेत देता है।
2021-22 के लिए नाबार्ड के दूसरे अखिल भारतीय ग्रामीण वित्तीय समावेशन सर्वेक्षण (NAFIS) के अनुसार, इसी अवधि के दौरान वार्षिक औसत नाममात्र जीडीपी वृद्धि (वित्तीय वर्ष के आधार पर) 9 प्रतिशत थी।
सभी परिवारों पर एक साथ विचार करने पर, औसत मासिक आय 12,698 रुपये थी, जिसमें कृषि परिवारों की आय थोड़ी अधिक यानी 13,661 रुपये थी, जबकि गैर-कृषि परिवारों की औसत मासिक आय 11,438 रुपये थी। ग्रामीण परिवारों का औसत मासिक खर्च 2016-17 में 6,646 रुपये से बढ़कर 2021-22 में 11,262 रुपये हो गया। वित्त मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, कृषि परिवारों ने गैर-कृषि परिवारों के लिए 10,675 रुपये की तुलना में 11,710 रुपये का अपेक्षाकृत अधिक उपभोग व्यय बताया।