श्री फतेहगढ़ साहिब/14 अक्टूबर:
(रविंदर सिंह ढींडसा)
देश भगत यूनीवरसिटी (डीबीयू) ने अंतरिक्ष मलबे के महत्वपूर्ण मुद्दे पर एक ज्ञानवर्धक विशेषज्ञ वार्ता की मेजबानी की, जिसमें प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के विशेषज्ञ श्री राजिंदर कुमार वर्मा ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में छात्रों, फैकल्टी सदस्यों और अंतरिक्ष उत्साही लोगों ने समान रूप से भाग लिया, जिसमें अंतरिक्ष मलबे की बढ़ती समस्या और भविष्य के अंतरिक्ष अन्वेषण और उपग्रह संचार के लिए इसके निहितार्थों पर गहन चर्चा की गई।श्री वर्मा, जिन्हें प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ काम करने का वर्षों का अनुभव है, सैशन की शुरूआत अंतरिक्ष के मलबे-गैर-कार्यशील उपग्रह, राकेट के पड़ावों, और धरती के चक्कर में टकराने या टूटने की घटना की व्याख्या करके की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे लो अर्थ ऑर्बिट में मलबे की बढ़ती मात्रा परिचालन उपग्रहों और मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशनों के लिए महत्वपूर्ण जोखिम पैदा करती है, जिससे संभावित रूप से टकराव हो सकते हैं।
इसके बाद आयोजित एक संवादात्मक सत्र में विद्यार्थियों और शिक्षकों ने श्री वर्मा के साथ विभिन्न प्रश्नों पर चर्चा की, जिनमें अंतरिक्ष मलबे से निपटने में सरकारों और निजी अंतरिक्ष एजेंसियों की भूमिका तथा अंतरिक्ष प्रदूषण से जुड़ी नैतिक चिंताएं शामिल थीं।
इस अवसर पर देश भगत यूनीवरसिटी के कुलपति डॉ. ज़ोरा सिंह ने श्री वर्मा के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, इस ज्ञानवर्धक सत्र ने अंतरिक्ष मलबे से निपटने की तत्काल आवश्यकता के प्रति हमारे ज्ञान में बढौतरी की है। श्री वर्मा की विशेषज्ञता निश्चित रूप से हमारे छात्रों को एयरोस्पेस उद्योग में सार्थक योगदान देने के लिए प्रेरित करेगी।देश भगत यूनिवर्सिटी (डीबीयू) की प्रो चांसलर डॉ. तेजिंदर कौर ने वैश्विक मुद्दे पर अपने बहुमूल्य विचार साझा किए।
विशेषज्ञ वार्ता के दौरान, डीबीयू के बाईस प्रैजीडेेंट डॉ. हर्ष सदावर्ती ने अंतरिक्ष मलबे पर चर्चा में सक्रिय रूप से भाग लिया और अंतरिक्ष विशेषज्ञ श्री राजिंदर कुमार वर्मा के साथ बातचीत की। डॉ. हर्ष सदावर्ती ने आगे कहा कि विश्वविद्यालय भविष्य में भी इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रहा है, ताकि अत्याधुनिक अनुसंधान और अंतरिक्ष स्थिरता जैसे वैश्विक मुद्दों में छात्रों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा सके। इस अवसर पर परफारमिंग आर्टस एवं मीडिया निदेशक डॉ. सुरजीत पथेजा भी उपस्थित थे।