चंडीगढ़, 22 अक्टूबर
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब के प्रति सौतेले रवैये के लिए भाजपा की केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला और जानबूझकर किसानों को परेशान करने का आरोप लगाया।
हरपाल चीमा ने भारत के कृषि इतिहास में पंजाब की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने 1947 में आज़ादी के समय देश के सामने आई गंभीर खाद्य परिस्थितियों को याद किया, जब भोजन की कमी और भूख की समस्याएं व्याप्त थीं। उन्होंने 1962 में कृषि क्षेत्र में बदलाव के लिए पंजाब द्वारा उठाए गए क्रांतिकारी कदमों को बताया और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना से हूए फायदे को भी गिनाया। उन्होंने बताया कि पीएयू किस तरह फसल उत्पादन, विशेषकर गेहूं और चावल के उत्पादन में वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
उन्होंने कहा, "पंजाब प्रति हेक्टेयर लगभग 12 टन चावल पैदा करता है, जो विश्व स्तर पर उदाहरण है। देश के केवल 1.53% भूमि क्षेत्र पर कब्जा करने के बावजूद, पंजाब भारत में चावल उत्पादन में लगभग 22% और गेहूं उत्पादन में 40% योगदान देता है। मंत्री चीमा ने पंजाब के किसानों और कृषि वैज्ञानिकों का उनके समर्पण के लिए आभार भी किया।
उन्होंने पंजाब के साथ मौजूदा केंद्र सरकार के व्यवहार पर गंभीर चिंता जताई और भाजपा पर राज्य के खिलाफ भेदभाव और विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के नेतृत्व में व्यापक विरोध प्रदर्शनों को याद किया, जिसे पंजाब के किसानों के भयंकर विरोध के कारण निरस्त करना पड़ा।
मंत्री चीमा ने पंजाब से खरीदे गए अनाज को उठाने में केंद्र सरकार की विफलता की आलोचना करते हुए इसे किसानों के खिलाफ अनुचित रणनीति बताया। उन्होंने उल्लेख किया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान और अन्य कैबिनेट सदस्यों ने इन मुद्दों के संबंध में केंद्रीय अधिकारियों के साथ सक्रिय रूप से संवाद किया, लेकिन जानबूझकर कोई कार्रवाई नहीं है।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी पंजाब के किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है। हम अपने समाज के किसी भी वर्ग को कोई नुकसान नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार पंजाब और उसके कृषि क्षेत्र को कमजोर करने पर आमादा है, लेकिन उसे अपनी हरकतों से बाज आना चाहिए।
मंत्री चीमा ने किसानों को आश्वासन दिया कि पंजाब सरकार केंद्र सरकार द्वारा पेश की गई किसी भी चुनौती का सामना करेगी। हम अपने किसानों के साथ खड़े होने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हम अपने किसानों के लिए लड़ेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि उनके अधिकार सुरक्षित रहे।