काबुल, 5 मार्च
पाकिस्तान और ईरान में लगातार उत्पीड़न का सामना कर रहे अफगानिस्तान के शरणार्थियों ने सत्तारूढ़ तालिबान सरकार और विभिन्न मानवाधिकार संगठनों से उनकी ओर से कार्रवाई करने का आह्वान किया है।
शरणार्थियों ने कहा कि वैध कानूनी दस्तावेज रखने के बावजूद उन्हें स्थानीय अधिकारियों, खासकर पाकिस्तान में अवैध हिरासत, निर्वासन और भेदभाव के खतरे का सामना करना पड़ रहा है।
एक शरणार्थी ने अफगानिस्तान के टोलो समाचार नेटवर्क को बताया, "पुलिस अधिकारी किसी भी बहाने से अफगान शरणार्थियों को हिरासत में लेते हैं, चाहे उनके पास कानूनी दस्तावेज हों या नहीं। वे सभी को निर्वासित कर देते हैं, जिससे उनकी पत्नी और बच्चे बिना सहारे के फंसे रह जाते हैं।"
अधिकार कार्यकर्ता मोहम्मद खान तालेबी मोहम्मदजई ने कहा कि मेजबान देशों, विशेषकर पाकिस्तान में अफगान शरणार्थियों की स्थिति बेहद चिंताजनक है।
उन्होंने अफगान मीडिया आउटलेट से कहा, "वर्तमान अफगान सरकार, संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय सहायता संगठनों को इन देशों में अफगान शरणार्थियों की स्थितियों पर ध्यान देना चाहिए।"
शरणार्थी इस बात पर ज़ोर देते हैं कि वे केवल अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा उन्हें दिए गए उनके बुनियादी अधिकार चाहते हैं, और इससे अधिक कुछ नहीं।
इस महीने की शुरुआत में, मानवाधिकार संगठनों और शरणार्थी वकालत समूहों के एक गठबंधन ने पाकिस्तानी सरकार को एक खुला पत्र लिखकर अफगान प्रवासियों के जबरन निर्वासन को तुरंत रोकने के लिए कहा।