गुरुग्राम, 6 मार्च
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरूवार को गुरुग्राम जिले में विभिन्न विकास परियोजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबंधित अधिकारियों को राज्य सरकार की प्रमुख परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने तथा उन्हें समय पर पूरा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि अधिकारी तेज गति बनाए रखते हुए उच्च गुणवत्ता वाला कार्य सुनिश्चित करें तथा विकास प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की ढिलाई न बरतें। बैठक में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह, सोहना विधायक तेजपाल तंवर, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी (वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से) तथा प्रधान सलाहकार डी.एस. ढेसी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागीय अधिकारियों से सीवरेज, ड्रेनेज, सफाई, जलापूर्ति, निर्माण एवं विध्वंस (सीएंडडी) अपशिष्ट तथा सड़क व्यवस्था पर विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद कहा कि जिले में विकास के नए आयाम स्थापित करने के लिए आधारभूत संरचना का विकास बहुत जरूरी है।
उन्होंने सभी विभागों से समन्वय स्थापित कर कार्य करने तथा इन परियोजनाओं के लिए निर्धारित समय-सीमा का पालन सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने आगे कहा कि चूंकि सरकार जनता के प्रति जवाबदेह है, इसलिए यह जरूरी है कि अधिकारी सभी चल रही विकास परियोजनाओं की प्रगति की नियमित निगरानी करें।
उन्होंने कहा कि जिन मामलों में संबंधित एजेंसियों की वजह से देरी हो रही है, उन पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए और एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। निगम क्षेत्र में सफाई व्यवस्था की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुग्राम राज्य के आर्थिक विकास का प्रमुख वाहक है।
उन्होंने कहा कि शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखना हम सबकी सामूहिक नैतिक जिम्मेदारी है। जनशक्ति की समस्या के समाधान के लिए मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम (एचकेआरएन) के माध्यम से संबंधित क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार सफाई कर्मचारियों को लगाया जा सकता है।
बैठक में निगम क्षेत्र में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण प्रणाली को बेहतर बनाने पर भी गहन चर्चा की गई। गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) के अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता के लिए सुचारू और सुरक्षित यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सभी सड़कों के नवीनीकरण का कार्य शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मानसून सीजन से पहले अभी काफी समय है, इसलिए अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि जून के अंत तक काम पूरा हो जाए।
बैठक में यह भी पता चला कि जीएमडीए 284.5 किलोमीटर सड़क का प्रबंधन करता है, जिसमें से 135 किलोमीटर सड़क का नवीनीकरण पहले ही पूरा हो चुका है। जीआरएपी प्रतिबंध हटने के बाद 15 फरवरी को अतिरिक्त 100 किलोमीटर सड़कों का नवीनीकरण कार्य शुरू हुआ और तय समय सीमा के भीतर पूरा होने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सीएंडडी कचरे को हटाने के साथ-साथ ड्रेनेज सिस्टम के उन्नयन और मेट्रो विस्तार परियोजना के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करते हुए तेजी लाई जाए। बैठक में यह भी बताया गया कि गुरुग्राम में 270 क्यूसेक पानी की वर्तमान आवश्यकता जीडब्ल्यूएस और एनसीआर चैनलों के माध्यम से पूरी की जा रही है। हालांकि, जिले की भविष्य की पानी की मांगों को पूरा करने के लिए जीडब्ल्यूएस नहर को फिर से तैयार करने की आवश्यकता है।
नहर को नया स्वरूप देकर उसे पाइपलाइन में बदलने की योजना प्रस्तावित की गई है, जिससे न केवल पानी के रिसाव जैसी समस्या खत्म होगी, बल्कि कवर्ड स्ट्रक्चर के कारण पानी की बेहतर गुणवत्ता भी सुनिश्चित होगी। इस परियोजना की कुल लागत करीब 3,000 करोड़ रुपये आंकी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुग्राम की बढ़ती पानी की जरूरतों को देखते हुए आगामी बजट में इस परियोजना के लिए अलग से प्रावधान शामिल किया जाएगा। बैठक में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि गुरुग्राम में कोई भी सड़क नवीनीकरण कार्य शुरू करने से पहले सड़कों के किनारे नालों की सफाई का काम पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि क्षेत्र में कोई भी विकास कार्य शुरू करने से पहले संबंधित रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) की सहमति ली जाए। बजट के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में सैनी ने कहा कि यह तीसरी सरकार का पहला बजट है। ऐसे में विभिन्न हितधारकों से सुझाव मांगे गए हैं। उन्होंने कहा, "सरकार को पोर्टल के माध्यम से 10,000 से अधिक सुझाव प्राप्त हुए हैं, जिनमें महिलाओं, व्यापारियों, उद्यमियों, प्रगतिशील किसानों, बागवानों और स्टार्टअप्स से इनपुट शामिल हैं। यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं कि बजट राज्य के लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरे।"