नई दिल्ली, 11 मार्च
एक अध्ययन के अनुसार, शारीरिक और यौन दुर्व्यवहार का अनुभव करने वाले बच्चों में वयस्कता में एनजाइना, गठिया, अस्थमा, सीओपीडी, दिल का दौरा, अवसाद और विकलांगता सहित शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों से पीड़ित होने की संभावना दोगुनी होती है।
जर्नल चाइल्ड मैलट्रीटमेंट में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि यौन दुर्व्यवहार का सामना करने वाले बच्चों में इन स्वास्थ्य परिणामों का अनुभव करने की संभावना उनके उन साथियों की तुलना में 55 प्रतिशत से 90 प्रतिशत अधिक थी, जिन्होंने किसी भी तरह के दुर्व्यवहार का अनुभव नहीं किया था।
केवल शारीरिक दुर्व्यवहार का सामना करने से भी इन स्वास्थ्य परिणामों की संभावना 20 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक बढ़ गई।
कनाडा में टोरंटो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कहा कि घर में एक सुरक्षात्मक वयस्क की उपस्थिति शारीरिक और यौन दुर्व्यवहार के बाद बेहतर परिणामों से जुड़ी थी, जो हस्तक्षेप प्रयासों के लिए आशाजनक अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।
यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट फॉर लाइफ कोर्स एंड एजिंग के अनुसंधान समन्वयक शैनन हॉल्स ने कहा, "लोग आमतौर पर यह नहीं सोचते कि शुरुआती प्रतिकूलताओं का बाद के जीवन में स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।"