जम्मू, 28 अप्रैल
जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने सोमवार को अपने एक दिवसीय विशेष सत्र की शुरुआत पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के सम्मान में दो मिनट के मौन के साथ की।
विधानसभा 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पर चर्चा करेगी और उसे पारित करेगी, जिसमें बैसरन मैदान में आतंकवादियों ने 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी।
उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें कहा गया, "सदन 22 अप्रैल 2025 को निर्दोष नागरिकों पर हुए बर्बर और अमानवीय हमले पर गहरा दुख और पीड़ा व्यक्त करता है और संकल्प लेता है कि सदन इस जघन्य, कायरतापूर्ण कृत्य की स्पष्ट रूप से निंदा करता है, जिसके परिणामस्वरूप निर्दोष लोगों की जान चली गई। इस तरह के आतंकी कृत्य कश्मीरियत के उस चरित्र पर सीधा हमला है, जो हमारे संविधान में निहित है और एकता, शांति और सद्भाव की भावना है, जो लंबे समय से जम्मू-कश्मीर और हमारे देश की विशेषता रही है।" विपक्षी भाजपा के विधायकों ने मांग की कि आतंकवादियों और उनके समर्थकों को न्याय के कटघरे में लाया जाए।
22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन मैदान में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादियों द्वारा 25 पर्यटकों और एक स्थानीय नागरिक सहित 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है।
आतंकवादियों की इस कायराना हरकत से पूरा देश आक्रोशित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम हत्याकांड पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि आतंकवादियों, उनके आकाओं और समर्थकों का पीछा किया जाएगा और उन्हें धरती के छोर तक खदेड़ा जाएगा।