चंडीगढ़, 19 फरवरी
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा है कि जब राज्य के अन्नदाता अपनी मांगों की पूर्ति के लिए भूख हड़ताल पर बैठे हैं, तब पारंपरिक राजनीतिक नेता विशेष तौर पर सुखबीर बादल और सुनील जाखड़ शादियों, रिसेप्शन और दावतों का आनंद उठा रहे हैं और तस्वीरें खिंचवा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दशकों से राज्य पर शासन करने वाले इस 'कुलीन' राजनीतिक वर्ग की असंवेदनशीलता और गंभीरता की कमी को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। उन्होंने कहा कि ये राजनीतिक नेता राज्य और यहां के लोगों की समस्याओं की अनदेखी करते हुए हमेशा अपने हितों की रक्षा के लिए एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करते रहते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ये नेता अपने मंचों से एक-दूसरे के खिलाफ ज़हर उगलते हैं लेकिन निजी समारोहों में एक-दूसरे को गले लगा लेते हैं, जिससे इनका संदेहास्पद चेहरा उजागर होता है।
मुख्यमंत्री ने व्यंग्य करते हुए कहा कि ये नेता अपने इस कदम को यह कहकर जायज ठहराएंगे कि यह उनका सामाजिक कर्तव्य है, लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि उनके जहरीले भाषणों के कारण राज्य का सामाजिक ताना-बाना बिगड़ता है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक नेता अपने निजी राजनीतिक हितों के लिए लोगों को बांटते हैं लेकिन आपस में एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करते हैं। उन्होंने कहा कि ये राजनीतिक नेता लोगों को मूर्ख बनाते हैं क्योंकि राज्य के गांवों में लोग राजनीतिक पार्टियों के नाम पर एक-दूसरे से लड़ते हैं लेकिन ये नेता एक-दूसरे की शादियों और अन्य समारोहों में शामिल होकर गले मिलते हैं, जो आश्चर्यजनक है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ऐसे लोगों को सबक सिखाया जाना चाहिए और लोगों को हमेशा आम आदमी की सरकार चुननी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि एक आम परिवार से संबंध होने के कारण पारंपरिक पार्टियां उनके साथ ईर्ष्या रखती हैं। उन्होंने कहा कि ये नेता मानते थे कि उन्हें राज्य पर शासन करने का ईश्वरीय अधिकार है, जिस कारण उन्हें यह बात हजम नहीं हो रही कि एक आम आदमी राज्य को कुशलता से चला रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन नेताओं ने लंबे समय से लोगों को मूर्ख बनाया है लेकिन अब लोग इनके गुमराह करने वाले प्रचार में नहीं आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों ने राज्य में बदल-बदल कर शासन करने वाली राजनीतिक पार्टियों को सत्ता से बाहर कर दिया है। उन्होंने कहा कि लोगों ने हमारी सरकार को सेवा करने का मौका दिया है और वे लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि विपक्षी दल के नेता अपना दिन हमारी निंदा करने से शुरू करते हैं क्योंकि हमारी सरकार द्वारा लिए गए लोक-हितैषी फैसलों से ये नेता जलते हैं।
अकाली नेताओं पर व्यंग्य करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये नेता खोखली बयानबाजी के अलावा लोगों को कुछ भी ठोस देने में असफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे खराब कामों के कारण ही अब अकाली नेताओं को जनता के रोष का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में आम आदमी की ताकत सबसे ऊपर होती है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि जिन लोगों ने दावा किया था कि वे 25 साल तक शासन करेंगे, उन्हें जनता ने राजनीतिक गुमनामी में धकेल दिया है।