नई दिल्ली, 29 मार्च
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने कथित तौर पर ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को एक नया कारण बताओ नोटिस भेजा है, जिसमें फरवरी में दर्ज की गई बिक्री संख्या में अंतर के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, 21 मार्च को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस में पिछले महीने बेचे और पंजीकृत किए गए विभिन्न मॉडलों के ओला स्कूटरों के बारे में विवरण मांगा गया है।
भाविश अग्रवाल के नेतृत्व वाली इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) निर्माता से यह जवाब देने के लिए कहा गया है कि क्या फरवरी में बेचे गए ओला स्कूटर बिना पंजीकरण के सड़क पर हैं; क्या ओला स्कूटर बिना नंबर प्लेट के ग्राहकों को डिलीवर किए गए थे; और क्या ओला स्कूटर बिना ट्रेड सर्टिफिकेट के स्टोर से बेचे जा रहे हैं।
अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि ईवी निर्माता ने सात दिन की समय सीमा के भीतर मंत्रालय के पत्र का जवाब दिया था या नहीं।
ओला इलेक्ट्रिक ने फरवरी में 25,000 स्कूटर बेचने का दावा किया था, लेकिन वाहन पंजीकरण से जुड़े विक्रेताओं के साथ अनुबंधों पर फिर से बातचीत होने के कारण उनमें से केवल 8,652 ही पंजीकृत हो पाए।
विक्रेता, रोसमेर्टा समूह ने बाद में 25 करोड़ रुपये तक के बकाया भुगतान न किए जाने पर कंपनी के खिलाफ दिवालियापन याचिका दायर की।
ओला इलेक्ट्रिक ने कहा कि उसने "अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, ओला इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड और रोसमेर्टा समूह के बीच सभी बकाया राशि का सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटान कर लिया है" और रोसमेर्टा समूह ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी), बेंगलुरु के समक्ष दायर याचिकाओं को वापस लेने के लिए ज्ञापन दायर किया है।