श्री फतेहगढ़ साहिब/31 मार्च:
(रविंदर सिंह ढींडसा)
देश भगत यूनिवर्सिटी में नशा मुक्ति और एड्स जागरूकता के महत्वपूर्ण मुद्दों पर एक एक्सपर्ट लेक्चर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत चांसलर डॉ. ज़ोरा सिंह, प्रो-चांसलर डॉ. तेजिंदर कौर और चांसलर के सलाहकार डॉ. वरिंदर सिंह द्वारा औपचारिक दीप प्रज्वलन के साथ हुई।एनएसएस समन्वयक सतीश कुमार ने नशीली दवाओं की लत से उत्पन्न चुनौतियों और एड्स से इसके संबंध पर प्रकाश डालते हुए सत्र की शुरुआत की। डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि 2023 में 42.3 मिलियन लोग एड्स के शिकार हुए और 39.3 मिलियन लोग एचआईवी के साथ जी रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि पंजाब में युवाओं में बढ़ती नशीली दवाओं की लत वायरस के प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान देती है, जो मुख्य रूप से असुरक्षित यौन संपर्क और सुइयों के साझा उपयोग के माध्यम से फैलता है।
व्याख्यान में कई विशेषज्ञों द्वारा व्यापक प्रस्तुतियां दी गईं। डॉ. एरिक क्वासी एल्युजऩ ने नशीली दवाओं की लत के खतरों पर अंतर्दृष्टि प्रदान की, उन्होंने बताया कि कैसे मादक द्रव्यों के सेवन से मस्तिष्क की कार्यप्रणाली और व्यवहार प्रभावित होता है, जिससे अक्सर व्यक्ति समय के साथ उच्च नशीली खुराक पर निर्भर हो जाता है। आयुर्वेद के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सत्यम ने आगे चर्चा की कि कैसे नशीली दवाओं की लत एचआईवी के संचरण में एक महत्वपूर्ण कारक है, उन्होंने प्रारंभिक पहचान, एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) के साथ उपचार और एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों के साथ आकस्मिक संपर्क के बारे में आम मिथकों को दूर करने के महत्व पर जोर दिया।इस कार्यक्रम में एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी श्री गुरजीत सिंह (सामाजिक विज्ञान) और अन्य संकाय सदस्य उपस्थित सत्र में नशीली दवाओं की लत और एचआईवी/एड्स दोनों पर अंकुश लगाने के लिए जागरूकता बढ़ाने, शीघ्र जांच और निवारक उपायों की आवश्यकता पर बल दिया गया तथा समुदाय और छात्रों से सक्रिय स्वास्थ्य पद्धतियां अपनाने का आग्रह किया गया।