नई दिल्ली, 3 जनवरी
शुक्रवार को एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में आवास क्षेत्र के 2025 तक राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में 13 प्रतिशत योगदान देने की उम्मीद है, जो इसकी लचीलापन और क्षमता को दर्शाता है।
अग्रणी वैश्विक वाणिज्यिक रियल एस्टेट और निवेश प्रबंधन कंपनी जेएलएल की रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर के बाजार में विकसित होने का अनुमान है, यह क्षेत्र जनसांख्यिकीय बदलाव, नीति सुधार और वैश्विक रुझानों के जवाब में विकसित हो रहा है।
टियर 2 और 3 शहर महत्वपूर्ण विकास केंद्र के रूप में उभर रहे हैं, जयपुर, इंदौर और कोच्चि जैसे छोटे शहरी केंद्र 2025 तक 40 प्रतिशत से अधिक नए आवास विकास को बढ़ावा देंगे।
शहरी गृह स्वामित्व दर 2025 तक बढ़कर 72 प्रतिशत हो जाएगी, जो 2020 में 65 प्रतिशत थी, जो कि किफायती वित्तपोषण विकल्पों और आवास बाजार में प्रवेश करने वाले युवा जनसांख्यिकीय द्वारा समर्थित है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक नए घर खरीदने वालों में 60 फीसदी मिलेनियल्स और जेन जेड खरीदारों के शामिल होने की उम्मीद है।