नई दिल्ली, 3 जनवरी
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के पिछले दशक की तुलना में पिछले 10 वर्षों में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान कृषि, विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में रोजगार सृजन में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई।
आंकड़े बताते हैं कि 2014 से 2024 के बीच पीएम मोदी के कार्यकाल में 17.9 करोड़ अतिरिक्त नौकरियां पैदा हुईं, जबकि 2004 से 2014 के बीच यूपीए शासन के दौरान 2.9 करोड़ नौकरियां पैदा हुईं।
मोदी सरकार के दौरान रोज़गार में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि यूपीए शासन के दौरान केवल 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
आंकड़ों से पता चलता है कि 2023-24 के दौरान 4.6 करोड़ नौकरियां पैदा हुईं और देश में कार्यरत लोगों की कुल संख्या 2022-23 में 596.7 मिलियन से बढ़कर 31 मार्च, 2024 को समाप्त वित्तीय वर्ष में 643.3 मिलियन हो गई।
RBI के KLEMS डेटाबेस में उत्पादन के पांच प्रमुख इनपुट शामिल हैं - पूंजी (K), श्रम (L), ऊर्जा (E), सामग्री (M), और सेवाएँ (S)। डेटाबेस 27 उद्योगों के लिए बनाया गया है, जो कुल मिलाकर छह सेक्टर बनाते हैं जो पूरी अर्थव्यवस्था को कवर करते हैं।
सेक्टर-वार विकास पर आरबीआई के आंकड़े भी मोदी सरकार के तहत पर्याप्त सुधार दिखाते हैं। उदाहरण के लिए, मोदी सरकार के दौरान कृषि क्षेत्र में 19 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि यूपीए के दौरान इसमें 16 प्रतिशत की गिरावट आई थी।