पंचायत चुनावों को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के वरिष्ठ नेता हरपाल सिंह चीमा के नेतृत्व में आप प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को राज्य चुनाव आयोग पहुंचा और चुनाव आयुक्त से अपनी चिंताएं व्यक्त की। आप नेताओं ने चुनाव आयोग से स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया सुनिश्चित करने की मांग की और इससे संबंधित एक ज्ञापन सौंपा।
मुलाकात के बाद अपने बयान में हरपाल चीमा ने पंचायत प्रणाली के महत्व पर जोर देते हुए इसे लोकतंत्र की सबसे छोटी लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण इकाई बताया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि हर पांच साल में सरपंच और पंच के चुनाव स्थानीय शासन को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। “यह चुनाव केवल पदों के बारे में नहीं है; यह पंजाब के लोगों की आवाज और अधिकारों के बारे में है।चुनाव आयुक्त से मुलाकात दौरान उनके साथ आप नेता नील गर्ग, डॉ. सनी अहलूवालिया और बब्बी बादल मौजूद थे।
चीमा ने उन रिपोर्टों पर चिंता जताई जिसमें संकेत दिया गया है कि कुछ व्यक्ति सरपंच और पंच पदों के लिए बोली (नीलामी) में शामिल होकर चुनाव प्रक्रिया में हेरफेर करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह अनैतिक प्रथा न केवल हमारे लोकतांत्रिक ढांचे की पवित्रता को धूमिल करती है बल्कि सार्वजनिक प्रतिनिधित्व के सार को भी खतरे में डालती है।
बैठक के दौरान आप प्रतिनिधियों ने चुनाव आयोग से ऐसी किसी भी अनियमितता के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया और तुरंत जांच की मांग की। चीमा ने कहा कि हम चुनाव आयोग से सतर्क रहने और किसी भी प्रकार की चुनावी कदाचार के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने का आह्वान करते हैं। लोकतंत्र में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है। हमें आदर्श आचार संहिता का पूरी तरह से पालन करना चाहिए।